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DAINIK JAGRAN

1.

ट्रंप का नया पैंतरा-पाकिस्तान के साथ कारोबारी समझौता, भारत पर तंज

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 19 जून को व्हाइट हाउस में पाकिस्तान के सेना प्रमुख आसिम मुनीर को भोजन पर आमंत्रित कर यह संकेत दे दिया था कि भारत के इस धुर विरोधी पड़ोसी देश को लेकर अमेरिका की नीति बदल रही है। पाकिस्तान के साथ बुधवार को कारोबारी समझौता करके ट्रंप प्रशासन ने अपनी बदली नीति का पुख्ता संकेत भी दे दिया है। अमेरिका और पाकिस्तान की तरफ से कारोबारी समझौते की घोषणा कर दी गई है। इसको लेकर पाकिस्तान सरकार का दावा है कि वह कम शुल्क दर पर अमेरिका को अपनी वस्तुओं का निर्यात करेगा। इस संदर्भ में सबसे उल्लेखनीय बात यह रही कि राष्ट्रपति ट्रंप ने पाकिस्तान के साथ ट्रेड डील की घोषणा करते हुए भारत पर तंज भी कसा। 


2.

पीएम किसान संपदा योजना का बजट अब 6,520 करोड़ रुपये

केंद्रीय कैबिनेट ने गुरुवार को किसानों और रेलवे से जुड़े छह अहम निर्णय लिए हैं। पीएम किसान संपदा योजना के लिए 1,920 करोड़ के अतिरिक्त व्यय सहित कुल 6,520 करोड़ रुपये के खर्च की मंजूरी दी गई। यह निर्णय 15वें वित्त आयोग (2021-22 से 2025-26) के दौरान इस योजना के प्रभावी क्रियान्वयन को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। इसके अलावा, सरकार ने राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) को 2,000 करोड़ रुपये के वित्तीय समर्थन की मंजूरी दी है। इससे संगठन को कर्ज देने के लिए अधिक कोष जुटाने में मदद मिलेगी। 


3.

दलबदल विरोधी कानून के तंत्र की संसद करे समीक्षा

सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर दलबदलू नेताओं पर कार्रवाई में स्पीकर द्वारा अनुचित देरी किए जाने पर चिंता जताई है। गुरुवार को दिए गए एक महत्वपूर्ण फैसले में शीर्ष अदालत ने कहा कि संसद को यह विचार करना चाहिए कि दलबदल के आधार पर अयोग्यता तय करने का कार्य स्पीकर या अध्यक्ष को सौंपने की व्यवस्था राजनीतिक दलबदल से प्रभावी ढंग से निपटने के उद्देश्य की पूर्ति कर रही है या उसमें बदलाव की जरूरत है। कोर्ट ने तेलंगाना विधानसभा के स्पीकर को 10 विधायकों के खिलाफ लंबित अयोग्यता कार्यवाही को तीन महीने में निपटाने का निर्देश दिया है। यह मामला बीआरएस के विधायकों के कांग्रेस पार्टी में चले जाने से संबंधित याचिकाओं से जुड़ा है। 


4.

78 हजार हेक्टेयर से अधिक वन भूमि सरकार ने परियोजनाओं के लिए दी

केंद्र ने राज्यसभा को सूचित किया कि पिछले चार वर्षों में देशभर में विभिन्न परियोजनाओं के लिए 78,100 हेक्टेयर से अधिक वन भूमि को गैर वन संबंधी परियोजनाओं के लिए स्वीकृत किया गया है। 


5.

सहकारी समितियों को आत्मनिर्भर बनाएगी सरकार

वैष्णव ने बताया कि यह योजना सहकारी समितियों को आत्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार बढ़ाएगी और महिलाओं की भागीदारी को प्रोत्साहित करेगी। इससे किसानों व ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। महिलाओं एवं श्रमिकों के नेतृत्व वाली समितियों को भी इससे सहायता मिलेगी। परियोजना की निगरानी, ऋण वितरण व वसूली की जिम्मेदारी एनसीडीसी की होगी। वह राज्य सरकारों के जरिए या सीधे सहकारी समितियों को ऋण देगा। देश में 8.25 लाख सहकारी समितियां हैं, जिनके 29 करोड़ से अधिक सदस्य हैं, जिनमें 94 प्रतिशत किसान हैं। यह योजना उनके लिए आर्थिक विकास का एक महत्वपूर्ण साधन बन सकती है। 


6.

अब रामबन में चिनाब पर बनेगी जल विद्युत परियोजना

जम्मू संभाग के रामबन में चिनाब नदी पर प्रस्तावित 1856 मेगावाट की सावलकोट जलविद्युत परियोजना को गति देते हुए निविदाएं आमंत्रित कर दी गई हैं। यह 65 वर्ष पुरानी परिकल्पना के साकार होने की दिशा में बड़ा कदम है। सावलकोट परियोजना के लिए गत माह वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने वनीय भूमि के प्रयोग की अनुमति दी है। इस परियोजना की परिकल्पना वर्ष 1960 में की गई थी। पाकिस्तान की आपत्तियों, स्थानीय भौगोलिक व सुरक्षात्मक परिदृश्य के चलते यह परियोजना सिरे नहीं चढ़ पा रही थी। पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत द्वारा सिंधु जलसंधि को स्थगित किए जाने के बाद चिनाब दरिया पर प्रस्तावित परियोजना के जल्द पूरा होने की उम्मीद बंधी है। 


7.

नौसेना को मिला एडवांस गाइडेड मिसाइल युद्धपोत 'हिमगिरि'

नवनिर्मित एडवांस गाइडेड मिसाइल युद्धपोत 'हिमगिरि' समुद्र में भारतीय नौसेना की मारक क्षमता को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा। 17ए परियोजना के तहत निर्मित यह यु‌द्धोत गुरुवार को नौसेना को सौंपा गया। इसे सरकारी क्षेत्र की रक्षा कंपनी गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (जीआरएसई) लिमिटेड ने तैयार किया है। हिमगिरि 149 मीटर लंबा व 6,670 टन वजनी है। यह जीआरएसई द्वारा निर्मित सबसे बड़ा और सबसे उन्नत गाइडेड मिसाइल युद्धपोत है। 


8.

महाभियोग पर अपनी नाकामी देखे संसद

इस समय एक बड़ा सवाल यही है कि इलाहाबाद हाई कोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा को हटाने के लिए जिस महाभियोग प्रस्ताव की चर्चा है, क्या उसे तार्किक परिणति तक पहुंचाया जा सकेगा? अतीत के उदाहरण देखें तो संदिग्ध आचरण वाले न्यायाधीशों के खिलाफ महाभियोग के मामलों में राजनीतिक दलों का रवैया ढोला-ढाला ही रहा है। नतीजतन न्यायपालिका में शुचिता सुनिश्चित करने में समस्या बनी हुई है। अब तक तो ऐसा कभी नहीं हुआ कि संसद ने किसी जज के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पास करके उन्हें पद से हटाया हो। याद रहे कि सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के जजों को हटाने का यही एक संवैधानिक तरीका है। 


9.

आनलाइन अश्लीलता पर प्रहार

केंद्र सरकार ने हाल में आपत्तिजनक एवं अश्लील कंटेंट प्रसारित करने वाले एप्स पर लगाम कसते हुए 25 एप्स पर प्रतिबंध लगाया। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने पोर्नोग्राफिक्स कंटेंट और आपत्तिजनक एड दिखाने वाले एप्स की पहचान करते हुए यह कदम उठाया। आस्ट्रेलिया भी इस दिशा में कुछ बड़ी पहल कर रहा है। इसमें संदेह नहीं कि ओवर-द-टाप (ओटीटी) प्लेटफार्म्स के उदय ने युवा मस्तिष्क पर गहरा प्रभाव डाला है। एक शोध के अनुसार औसत भारतीय युवा प्रतिदिन घंटों स्ट्रीमिंग मीडिया देखता है। उसका यह समय वैश्विक औसत से अधिक है। ओटीटी प्लेटफार्म टेलीविजन स्क्रीन से लेकर छोटे मोबाइल तक अपना कब्जा जमाए हुए हैं और युवा पीढ़ी के साथ हर आयु वर्ग को ऐसा नुकसान पहुंचा रहे हैं, जिसकी भरपाई संभव नहीं। अश्लील सामग्री परोसते ये प्लेटफार्म बालकों, किशोरों, प्रौढ़ों और यहां तक कि गृहिणियों तक अपनी सहज पहुंच बना रहे हैं। इसमें डिजिटल मीडिया प्लेटफार्म भी सहायक बन रहे हैं। एक्स, इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफार्म्स पर भी अश्लील सामग्री की भरमार है। अपने व्यावसायिक हितों के लिए ये प्लेटफार्म बच्चों को अपरिपक्व आयु में व्यस्कता की ओर धकेल रहे हैं। सोफी बिस्नोनेट की डाक्यूमेंट्री 'सेक्सी इंक. अवर चिल्ड्रन अंडर इन्फ्लुएंस यूथ वर्जन' अति कामुकता और युवाओं पर इसके हानिकारक प्रभावों का विश्लेषण करती है। 


10.

समीक्षा की मांग करती राष्ट्रीय शिक्षा नीति

देश वेश की स्वतंत्रता के लगभग 78 साल होने पर यह यह विरोधाभास बहुतों को सालता है कि सदियों से ज्ञान का केंद्र रहे भारत की शिक्षा प्रणाली में ऐसे कौन-से व्यवधान पैदा हुए, जिनके फलस्वरूप यह रटंत विद्या की पैरोकार बन गई और केवल डिग्री अर्जित करने व उसकी महत्ता स्थापित करने तक सीमित रह गई। न तो इसमें हिंदी समेत अन्य भारतीय भाषाओं का महत्व रहा और न ही ज्ञानार्जन अथवा कौशल सीखने-सिखाने की वह सलाहियत रही, जिसके बल पर आज पश्चिमी शिक्षा जगत की पूरी दुनिया में तूती बोलती है। देश की सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक प्रगति का आधार रही हमारी परंपरागत शिक्षा प्रणाली औपनिवेशिक दासता और अंग्रेजी के बोझ तले दबी, तो उसकी कराह ने यह जरूरत पैदा की कि शिक्षा की इस व्यवस्था में आमूलचूल बदलाव लाए जाएं। इस कोशिश का नतीजा है राष्ट्रीय शिक्षा नीति (नेशनल एजुकेशन पालिसी), जो 29 जुलाई, 2020 को 1986 की शिक्षा नीति के स्थान पर लागू की गई और जिसका नया स्वरूप एनईपी, 2025 की शक्ल में देश के सामने है।


11.

सामूहिक संकल्प का प्रदर्शन

राष्ट्र के स्वाभिमान पर जब कोई प्रश्न उठाता है, तो उत्तर केवल शब्दों से नहीं, शौर्य से दिया जाता है। आपरेशन सिंदूर यही उत्तर था। देश की संसद में आपरेशन सिंदूर पर चर्चा के बाद अब भ्रम फैलाने वाले लोगों को अपने गिरेबां में जरूर झांकना चाहिए। आखिर भारतीय सेना और देश की चुनी हुई सरकार पर भरोसा करने के बजाय विपक्ष के नेताओं और उनके पूरे इकोसिस्टम को पाकिस्तान के नैरेटिव पर क्यों भरोसा होता है। किसने सीजफायर कराया इस पर बहुत सवाल पूछे गए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दो ट्रक लहजे में बता दिया कि हम पर कोई दबाव नहीं था। हमारा लक्ष्य क्या था और हमने लक्ष्य शत प्रतिशत हासिल कर लिया, यह भी प्रधानमंत्री ने स्पष्टता से बताया। प्रधानमंत्री ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि दुनिया के किसी देश ने भारत को युद्ध रोकने के लिए नहीं कहा। पाकिस्तान की सेना नतमस्तक थी हमारी सेना के शौर्य के सामने। हमारा लक्ष्य हमें मिल चुका था। हमारा जज्बा, हमारी ताकत और हमारे हथियारों का प्रदर्शन देखकर पाकिस्तान ही नहीं, पूरी दुनिया हतप्रभरह गई। शायद पाकिस्तान को मदद दे रहे लोगों ने उसे समझाया होगा कि भारत से अनुरोध कर लो कि वह युद्ध समाप्त कर दे। वही हुआ, पाकिस्तान के गिड़गिड़ाने पर हमने उन्हें छोड़ दिया इस चेतावनी के साथ कि आपरेशन सिंदूर अभी जारी है। 


12.

अमेरिकी शुल्क की वित्तीय सहायता से भरपाई कर सकती है सरकार

अमेरिका के 25 प्रतिशत शुल्क की भरपाई सरकार निर्यातकों को विलीय सहायता देकर कर सकती है। इसे लेकर वाणिन्य और उद्योग मंत्रालय में विचार-विमर्श शुरू हो गया है। निर्यातकों से बातचीत करके वह आकालन किया जा रहा है कि अमेरिकी टैरिफ से कौन-कौन से सेक्टर मुख्य रूप से प्रभावित होंगे और उन्हें कितनी वित्तीय सहायता देकर अमेरिका के बाजार में मुकाबले के लायक रखा जा सकता है। 


13.

भारत 'डेड इकानमी' नहीं, दुनिया की पांच शीर्ष अर्थव्यवस्था में शामिल देश : गोयल

व्यापार समझौते में भारत के कड़े रुख से बौखलाए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय अर्थव्यवस्था को 'डेड इकानमी' (मृत अर्थव्यवस्था) बता दिया। जवाब में वाणिज्य व उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, भारत दुनिया के विकास में 16 प्रतिशत का योगदान देता है और दुनिया की पांच शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं में है। भारत कुछ वर्षों में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। 


14.

डिमेंशिया का खतरा कम करता है कापर युक्त आहार

अच्छे खान-पान से शरीर के साथ मस्तिष्क भी स्वस्थ रहता है। इस संबंध में कापर युक्त खाद्य पदार्थ की उपयोगिता से जुड़ा एक नया शोध सामने आया है। नेचर साइंटिफिक रिपोर्ट्स में प्रकाशित इस अध्ययन में पाया गया कि अधिक कापर युक्त खाद्य पदार्थ खाने वाले वृद्ध अमेरिकी याददाश्त से जुड़ी परिस्थितियों की व्याख्या में सफल रहे। विज्ञानियों ने बताया कि जो लोग कापर से भरपूर खाद्य पदार्थों जैसे समुद्री भोजन, डार्क चाकलेट और नट्स का अधिक सेवन कर रहे थे, उन्होंने उम्र से संबंधित डिमेंशिया के प्रारंभिक संकेतों का पता लगाने के लिए उपयोग किए जाने वाले परीक्षणों में अच्छा प्रदर्शन किया। प्रमुख शोधकर्ता ईफ होगवॉर्स्ट ने कहा कि कापर का अधिक सेवन करने वाले लोगों के आहार में जिंक, आयरन और सेलेनियम की मात्रा भी अधिक थी। 


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